कानपुर न्यूज डेस्क: कानपुर नगर निगम में मंगलवार को हुई सदन की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा और सपा पार्षदों के बीच कहासुनी शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई तक पहुंच गई। दोनों पक्षों के पार्षद एक-दूसरे का कॉलर पकड़कर भिड़ गए। महापौर प्रमिला पांडेय बार-बार शांति बनाए रखने की अपील करती रहीं, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। आखिरकार, बैठक को स्थगित करना पड़ा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बैठक में सपा की नवनिर्वाचित विधायक नसीम सोलंकी को शपथ दिलाई गई। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को 'गुंडा' कहते हुए नारे लगाने शुरू कर दिए। इस पर सपा के पार्षदों ने जवाबी नारेबाजी की। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस के बाद भाजपा के विकास जायसवाल और सपा के रजत बाजपेई आपस में भिड़ गए। इस दौरान "भ्रष्टाचारी" और "अमिताभ बाजपेई चोर है" जैसे नारे भी लगे।
भाजपा पार्षदों का आरोप था कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेई पार्षदों द्वारा कराए गए कामों को तोड़कर अपनी विधायक निधि से वही काम दोबारा करवा रहे हैं। इसी मुद्दे पर बहस इतनी बढ़ गई कि हंगामा हो गया। महापौर ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन असफल रहीं। वह नाराज होकर बैठक छोड़कर चली गईं।
घटना के बाद महापौर प्रमिला पांडेय ने मामले की जांच कराने की बात कही है। वहीं, सदन में हुए इस हंगामे की आलोचना हो रही है। विपक्ष का कहना है कि भाजपा ने जानबूझकर यह माहौल बनाया, जबकि भाजपा पार्षदों का कहना है कि उनके कामों को लेकर राजनीति की जा रही है। इस घटना ने नगर निगम की कार्यवाही की गरिमा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।